कुंडली के दशम भाव में चंद्रमा का प्रभाव

कुंडली के दशम भाव में चंद्रमा का प्रभाव

1)कुंडली के दशम भाव में चंद्रमा का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम चंद्रमा और प्रथम भाव के बारे में जानकारी प्राप्त।

2) चंद्रमा दशम भाव में किसी भी प्रकार का दिग्बल नहीं प्राप्त करता है अतः नैसर्गिक रूप से चंद्रमा दशम भाव में शुभ नहीं माना जाता है।

3) दशम भाव प्रोफेशन का कारक भाव है। दशम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को चंद्रमा से संबंधित प्रोफेशन देता है। चंद्रमा एक जलीय ग्रह है अतः जातक जल से संबंधित प्रोफेशन में हो सकता है जैसे नेवी, शिपिंग इंडस्ट्रीज, समुद्र से संबंधित कार्य, मत्स्य पालन इत्यादि। चंद्रमा कृषि से संबंधित होता है अतः जातक कृषि से संबंधित रोजगार में हो सकता है, जैसे खेती, फार्म हाउस, जड़ी बूटी, आयुर्वेदिक रोजगार इत्यादि। चंद्रमा वस्त्र से संबंधित माना जाता है, अतः कपड़े से संबंधित रोजगार जैसे वस्त्र उद्योग, कपड़े की दुकान, धोबी इत्यादि। चंद्रमा भोजन से संबंधित रोजगार दे सकता है, जैसे रेस्टोरेंट्स, होटल, फूड इंडस्ट्रीज इत्यादि। चंद्रमा जातक को स्टॉक मार्केट से संबंधित काम दे सकता है। चंद्रमा एक स्त्री कारक ग्रह है, अतः स्त्री से संबंधित व्यवसाय में हो सकता है। चंद्रमा माता का कारक होता है अतः माता की समान देखभाल करने वाला काम भी दिलवा सकता है जैसे नर्सिंग इत्यादि।

4) दशम भाव सामाजिक प्रतिष्ठा का भाव है, दशम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को पब्लिक के बीच पॉपुलर बनाता है। जातक की सामाजिक प्रतिष्ठा अच्छी हो सकती है।

5) दशम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को सभी प्रकार के भौतिकवादी सुख उपलब्ध कराता है। जातक अपने प्रयास में सफलता प्राप्त करेगा। जातक अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने में सफल होगा। जातक अपने उद्यम में सफलता प्राप्त करेगा। जातक अपने अंदर काम करने वाले लोगों पर सफलता प्राप्त करेगा। जातक धनी और अच्छा कमाने वाला व्यक्ति हो सकता है। लेकिन साथ ही चंद्रमा दशम भाव में जातक को अनस्टेबल या उतार चढ़ाव से भरपूर प्रोफेशनल लाइफ देता है। जातक अपने प्रोफेशन में बहुत सारे बदलाव का शिकार होगा। या बहुत सारे बदलाव के कारण फ्रस्ट्रेशन का शिकार हो सकता है।

6)दशम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को बुद्धिमान और बहादुर बनाता है। जातक के पास उत्तम बौद्धिक और शारीरिक क्षमता होगी। जातक अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करेगा। जातक प्रमोशन या अपने साथ काम करने वाले व्यक्तियों पर जीत हासिल करेंगा।

7)दशम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को उत्तम वैवाहिक जीवन और वैवाहिक सुख देता है। जातक की सामाजिक प्रतिष्ठा अच्छी होगी और वह समाज के अनुरूप आचरण करने वाला व्यक्ति होगा। जातक दूसरों का आदर करेगा और साथ ही दूसरों से आदर भी प्राप्त करेगा अतः हम बोल सकते हैं कि जातक एक आदरणीय व्यक्ति होगा।

8) दशम भाव में स्थित चंद्रमा जातक को अपने साथ काम करने वाले, परिवार, रिश्तेदार और पब्लिक की सहायता से सफलता दिलाता है। जातक अपने कार्य के प्रति ईमानदार होगा और अपने कार्य से बहुत ज्यादा भावनात्मक लगाव रखने वाला व्यक्ति होगा। अपने कार्य के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील भी होगा।

9)चंद्रमा दशम भाव में पीड़ित हो तब जातक अपने रोजगार के कारण मानसिक परेशानी या चिंता से पीड़ित रहता है। जातक छल का शिकार हो सकता है। जातक की माता का स्वास्थ्य उत्तम नहीं होगा।

10) जातक धार्मिक कार्यों में या दान पुण्य में भाग ले सकता है। वह सामाजिक कार्यों में भी झुकाव रखने वाला व्यक्ति होगा।

Leave a Comment

Scroll to Top