कुंडली के सप्तम भाव में बुध का प्रभाव
1) कुंडली के सप्तम भाव में बुध का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम सप्तम भाव और बुध के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
2) सप्तम भाव में बुध को किसी भी प्रकार का दिग्बल प्राप्त नहीं होता है। अतः सप्तम भाव में बुध को अस्त माना जाता है। यही कारण है कि सप्तम भाव में स्थित बुध को शुभ नहीं माना जाता है।
3) सप्तम भाव में स्थित हो तब जातक की पत्नी सुंदर शिक्षित और धनी परिवार से संबंध रखने वाली होती है।
4) सप्तम भाव प्रमुख काम त्रिकोण है बुध सप्तम भाव में स्थित होने के कारण जातक की अंदरुनी शक्ति कम होती है। यदि यही बुध शनि से भी संबंध बनाएं तब जातक नपुंसक हो सकता है। पर इस प्रकार के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमें शुक्र की शक्ति का भी विचार करना चाहिए।
5) बुध को भेद नीति का कारक माना गया है। यदि बुध सप्तम भाव में हो तब यह जातक और उसके पत्नी पत्नी के मध्य विवाद उत्पन्न करता है। यह वैवाहिक जीवन में परेशानी भी लाता है। जातक और जातक की पत्नी के विचार एक दूसरे से विपरीत हो सकते हैं। यदि बुध अस्त हो तब जातक की पत्नी क्रिटिसाइजिंग स्वाभाव वाली हो सकती है, और दोनों एक दूसरे से नफरत करेंगे। जातक की किसी दूसरी स्त्री के साथ अफेयर होने की संभावना होती है। यदि बुध पीड़ित हो सकता है।
6) सप्तम भाव में स्थित बुध जातक को सुंदर और स्वस्थ शरीर वाला बनाता है। जातक बुद्धिमान होगा और उसकी ड्रेसिंग सेंस बहुत ही अच्छी होगी। जातक के संस्कार अच्छे होंगे और वह मधुर वचन बोलने वाला होगा। जातक को ट्रिक और टेक्निक की अच्छी समझ होगी। जातक अच्छा लेखक गणितज्ञ ज्योतिषी या डिप्लोमेट हो सकता है यदि सप्तम भाव में स्थित हो तब जातक तुच्छ विचारों वाला व्यक्ति हो सकता है।
7) सप्तम भाव में स्थित बुध जातक को व्यापार में निपुण बनाता है। वह अपने व्यापारिक गुणों के कारण अपनी व्यापार में जबरदस्त रूप से सफलता प्राप्त करेगा।
8) सप्तम भाव चतुर्थ भाव का भावत भावम होता है। अतः जातक उत्तम शिक्षा प्राप्त करेगा।
9) जातक स्वभाव से तर्क करने वाला होता है। जातक की लॉजिकल क्वालिटी अच्छी होती है। जातक कानून से संबंधित मामलों का जानकार होता है।
My mercury is in 7 house in cancer of capricorn ascendent???I want to know whether it gives bad results when it is in enemy house