भकूट मिलान
कुंडली मिलान भाग – 9
पिछले अंक मे हमने गण मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की।
चंद्रमा जन्मसमय जिस राशी मे हो उसे भकूट कहते है अर्थात जन्म राशी जातक/जातिका के भूकुट को बताते है। भकूट मिलान मे हम वर और वधू के जन्म राशि के आपसी संबंध का मिलान करते है। भकूट के संबध के आधार पर हम जातक और जातिका के आपसी संबध का अनुमान लगाते है। भकुट मिलान की महत्ता का अनुमान इसको आवंटित 7 अंक से लगाया जा सकता है।
भकूट मिलान की विधी
भकूट गुण मिलान को 7अंक आवंटित किया गया है। भकुट मिलान के लिए हम वर और कन्या के भकूट यानि जन्म राशी को एक दुसरे से गिनती करते है जिससे हमे निम्नलिखित भूकुट संबध प्राप्त होगा
1st – 7th (सम सप्तक)– इस संबंध को शुभ माना जाता है क्योकि इस राशी संबंध मे विवाह मे एक दुसरे के प्रति आकर्षण बना रहता है और अच्छे संतान की उत्पति का कारक होता है।
2nd – 12th (द्वि द्वादश)— इस संबंध को अशुभ माना जाता है क्योकि इस राशी संबंध मे धन के मामले मे आपसी सामंजस्य ठीक नही होते है जो पारिवारिक मतभेद के कारण हो सकते है।
3rd-11th(त्रि ऐकादश) — इस संबंध को सबसे शुभ माना जाता है। यह वंश वृद्धि, धन वृद्धि, प्रेम वृद्धि का सूचक है।
4th-10th(चतुर्थ दशम) – इस संबंध मे आपसी तालमेल और लगाव अच्छा होता है। यह भी शुभ माना जाता है।
5th-9th(नवपंचम) – इस संबंध को अशुभ माना जाता है। यह संबंध आपस मे अहम की समस्या, वैराग्य भाव, संबंध मे अनिच्छा का संकेत देता है। जो वंश वृद्धि और मानसिक अवसाद का कारण हो सकता है।
6th-8th(षड्अष्टक) — इस संबंध को सबसे अशुभ माना जाता है। यह संबंध आपसी झगड़े, कलह, अलगाव, स्वास्थ्य की समस्या़ का कारण हो सकता है।
भकूट मिलान मे अंक आंवटन
राशि | मेष | वृष | मिथुन | कर्क | सिंह | कन्या | तुला | वृश्चिक | धनु | मकर | कुंभ | मीन |
मेष | 7 | 0 | 7 | 7 | 0 | 0 | 7 | 0 | 0 | 7 | 7 | 0 |
वृष | 0 | 7 | 0 | 7 | 7 | 0 | 0 | 7 | 0 | 0 | 7 | 7 |
मिथुन | 7 | 0 | 7 | 0 | 7 | 7 | 0 | 0 | 7 | 0 | 0 | 7 |
कर्क | 7 | 7 | 0 | 7 | 0 | 7 | 7 | 0 | 0 | 7 | 0 | 0 |
सिंह | 0 | 7 | 7 | 0 | 7 | 0 | 7 | 7 | 0 | 0 | 7 | 0 |
कन्या | 0 | 0 | 7 | 7 | 0 | 7 | 0 | 7 | 7 | 0 | 0 | 7 |
तुला | 7 | 0 | 0 | 7 | 7 | 0 | 7 | 0 | 7 | 7 | 0 | 0 |
वृश्चिक | 0 | 7 | 0 | 0 | 7 | 7 | 0 | 7 | 0 | 7 | 7 | 0 |
धनु | 0 | 0 | 7 | 0 | 0 | 7 | 7 | 0 | 7 | 0 | 7 | 7 |
मकर | 7 | 0 | 0 | 7 | 0 | 0 | 7 | 7 | 0 | 7 | 0 | 7 |
कुंभ | 7 | 7 | 0 | 0 | 7 | 0 | 0 | 7 | 7 | 0 | 7 | 0 |
मीन | 0 | 7 | 7 | 0 | 0 | 7 | 0 | 0 | 7 | 7 | 0 | 7 |
ऊपर दिये गये सारणी के अनुरुप हम भूकुट मिलान मे अंक आंवटित करते है। यदि 2nd-12th, 5th-9th, 6th-8th संबंध हो तो इसे भूकूट दोष माना जाता है। कई बार यह दोष समाप्त हो जाता है जिसके संदर्भ मे हम अष्टकुट दोष समाप्ति अध्ययाय मे जानकारी प्राप्त करेगे ।