कुंडली के एकादश भाव में पंचमेश का प्रभाव

कुंडली के एकादश भाव में पंचमेश का प्रभाव

1) कुंडली के एकादश भाव में पंचमेश का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम एकादश भाव और पंचम भाव के नैसर्गिक कार्य के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। पंचम भाव का स्वामी स्वयं के भाव से सप्तम भाव में स्थित है अतः प्रथम भाव के स्वामी का सप्तम भाव में क्या फल होता है, हम इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।

2) पंचम भाव पिछले जन्म के पुण्य से संबंधित होता है। एकादश भाव इच्छा से संबंधित होता है। अतः जब पंचम भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तब जातक के सारे इच्छाएं पूर्ण होती है। जातक अपनी इच्छाओं की पूर्ति में अपने उन पुण्य की सहायता प्राप्त करता है। जातक के लिए यह राजयोग के समान है जिसमें जातक को सभी प्रकार के सांसारिक सुख प्राप्त होते हैं।

3) एकादश भाव उपचय भाव है। यदि पंचम भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तब पंचम भाव के नैसर्गिक कार्यक्रम में वृद्धि होती है।पंचम भाव बुद्धिमता का कारक भाव है, अतः जातक बुद्धिमान होता है। पंचम भाव ज्ञान का कारक भाव है, अतः जातक ज्ञानी होता है। जातक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति का व्यक्ति होता है। जातक के अनेक संतान होती है।

4) एकादश भाव लाभ स्थान होता है। पंचम भाव मानसिकता का कारक भाव होता है। यदि पंचम भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तो जातक मनी माइंडेड होता है। जातक की मानसिकता प्रत्येक कार्य में अपने लाभ की होती है। जातक किसी भी परिस्थिति में लाभ बनाने में सक्षम होता है। जातक बुद्धिमान होगा, तीक्ष्ण बुद्धि का होगा, अतः वह लाभ अर्जित करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय और ट्रिक का प्रयोग करेगा। जातक अपने ज्ञान के बल पर भी धन अर्जित करेगा। जातक अपने ज्ञान का अपने प्रोफेशनल लाइफ में अति उत्तम उपयोग करेगा।

5) पंचम भाव सट्टेबाजी से संबंधित होता है। यदि पंचम भाव का स्वामी एकादश भाव में हो तब जातक सट्टेबाजी से धन अर्जित कर सकता है। जातक शेयर बाजार या इसी प्रकार के कार्य में धन अर्जित कर सकता है। जातक अपने व्यापार में भी स्पैक्यूलेशन से धन अर्जित कर सकता है। जातक की एक से ज्यादा आय के साधन हो सकते हैं या विभिन्न प्रकार के व्यापार हो सकते हैं।

6) जातक विभिन्न प्रकार के आय के साधन से धन अर्जित करने में सक्षम होता है। अतः जातक धनी और समृद्ध होगा साथी जातक फाइनेंशली साउंड होगा।

7) पंचम भाव मंत्र वेद वेदंगा और दूसरे पौराणिक शास्त्रों के ज्ञान से संबंधित होता है। अतः पंचम भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तब जातक मंत्र तंत्र या यंत्र से धन अर्जित कर सकता है। जातक धार्मिक क्रियाकलापों या धार्मिक गतिविधियों से भी धन अर्जित कर सकता है। जातक वेदों और शास्त्रों के ज्ञान से भी धन अर्जित कर सकता है।

8)यदि पंचम भाव का स्वामी एकादश भाव में शुभ स्थिति में हो तब जातक दीर्घायु होता है। जातक को उत्तम नाम और प्रसिद्धि प्राप्त होती है।

9) पंचम भाव का स्वामी एकादश भाव में स्थित हो तब जातक का प्रेम विवाह के संभावना होती है। जातक के अफेयर होने की भी संभावना होती है। यदि कुंडली में योग हो तब जातक के द्वि विवाह की भी संभावना बनती है।

10)पंचम भाव का स्वामी एकादश भाव के स्वामी के साथ एकादश भाव में स्थित हो तब यह एक बहुत ही उत्तम धन योग का निर्माण करता है। जातक धनी और समृद्ध होगा। जातक को अपने प्रोफेशन के से बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त करेंगा। जातक अपने बड़े भाई का भी सहयोग प्राप्त करेगा। जातक सरकार की सहायता से भी धन अर्जित करेगा। जातक अपने बॉस या प्रशासन का सपोर्ट भी प्राप्त करेगा। जातक को अवार्ड प्राप्ति की भी संभावना होती है। जातक प्रसिद्ध हो सकता है।

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