June 2020

कुंडली के सप्तम भाव में राहु का प्रभाव

कुंडली के सप्तम भाव में राहु का प्रभाव 1)कुंडली के सप्तम भाव में राहु के प्रभाव को जानने के लिए सर्वप्रथम राहु और सप्तम भाव से नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) सप्तम भाव को विवाह स्थान माना जाता है जब राहु सप्तम भाव में हो तब जातक के विवाह के समय

कुंडली के सप्तम भाव में राहु का प्रभाव Read More »

कुंडली के विभिन्न भागों में इंद्र चांपा का प्रभाव

कुंडली के विभिन्न भागों में इंद्र चांपा का प्रभाव इंद्र चांपा या इंद्रधनुष या चांपा का परिचय एवं विभिन्न भागों में प्रभाव इंद्रचापा, इंद्रधनुष या चापा के नाम से भी जाना जाता है। फलदीपिका के अनुसार बारिश के मौसम में दिखाई देने वाला प्रसिद्ध इंद्रधनुष कि इंद्रचापा या चापा है। कुंडली के जिस भाग में

कुंडली के विभिन्न भागों में इंद्र चांपा का प्रभाव Read More »

Mars And Rahu Conjunction In Seventh House

Mars and Rahu conjunction in 7th house 1)Before knowing the effect of Mars and Rahu conjunction in 7th house we have to know about Mars in 7th house, Rahu in 7th house and Mars and Rahu conjunction. 2)Native may be independent in nature. He may be over smart by nature. He may be comfort lover.

Mars And Rahu Conjunction In Seventh House Read More »

कुंडली के छठे भाव में राहु का प्रभाव

कुंडली के छठे भाव में राहु का प्रभाव 1)कुंडली के छठे भाव में राहु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम राहु और छठे भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) छठा भाव को उपचय भाव माना जाता है। राहु एक नैसर्गिक पापी ग्रह है। ऐसी मान्यता है कि नैसर्गिक पापी

कुंडली के छठे भाव में राहु का प्रभाव Read More »

परिवेश या परिधि का परिचय और विभिन्न भावों में प्रभाव

परिवेश या परिधि का परिचय और विभिन्न भावों में प्रभाव परिधि या परिवेश एक अप्रकाशक उपग्रह होता है। अन्य अप्रकाशक उपग्रह के तरह यह भी स्वभाव से पापी होता है। फलदीपिका के अनुसार परिवेश जिस भाव में विराजित होता है, उस भाव से संबंधित कारक को जल या जल से संबंधित दोष के कारण या

परिवेश या परिधि का परिचय और विभिन्न भावों में प्रभाव Read More »

कुंडली के पंचम भाव में राहु का प्रभाव

कुंडली के पंचम भाव में राहु का प्रभाव 1)कुंडली के पंचम भाव में राहु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम पंचम भाव और राहु के नैसर्गिक कार्य के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) पंचम भाव संतान से संबंधित भाव होता है। राहु एक पापी ग्रह है, अतः पंचम भाव में पितृ दोष उत्पन्न

कुंडली के पंचम भाव में राहु का प्रभाव Read More »

Scroll to Top