ग्रह मैत्री गुण मिलान
कुण्डली मिलान भाग – 7
पिछले अंक मे हमने योनि मिलान की विधी की जानकारी प्राप्त की।
ग्रह मेेैत्री गुण मिलान मे हम ग्रहों की प्राकृतिक मित्रता का मिलान करते है। चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। अतः चंद्रमा जब राशि विशेष मे हो तो उस राशि के स्वामी का चंद्रमा पर विशेष प्रभाव होता है। जातक के मन पर ग्रह विशेष का प्रभाव होने से उसके आहार – व्यवहार और स्वाभव पर भी उस ग्रह का प्रभाव होता है। प्रत्येक ग्रह का अपना निश्चित स्वभाव होता है।
पहले हम हर राशि के स्वामी के बारे मे जानकारी लेते है
1) मेष राशि स्वामी मंगल ग्रह है ।
2) वृष राशि स्वामी शुक्र है।
3) मिथुन राशि स्वामी बुध है
4) कर्क राशि स्वामी चंद्रमा है।
5) सिंह राशि स्वामी सूर्य है।
6) कन्या राशि स्वामी बुध है।
7) तुला राशि स्वामी शुक्र है।
8) वृश्चिक राशि स्वामी मंगल है।
9) धनु राशि स्वामी बृहस्पति है।
10) मकर राशि स्वामी शनि है।
11)कुंभ राशि स्वामी शनि है।
12) मीन राशि स्वामी बृहस्पति है।
हम वैदिक ज्योतिष में ग्रहो की मित्रता तीन भागो मे रखा गया है। कुछ ग्रह एक दुसरे के मित्र है कुछ तटस्थ कुछ शत्रु । जो इस प्रकार है
ग्रह | मित्र ग्रह | तटस्थ ग्रह | शत्रु ग्रह |
---|---|---|---|
सूर्य | चंद्रमा ,मंगल , बृहस्पति | बुध | शुक्र, शनि |
चंद्रमा | सूर्य, बृहस्पति | मंगल, बुध, शुक्र, शनि | कोई नही |
मंगल | सूर्य, चंद्रमा,बृहस्पति | शुक्र, शनि | बुध |
बुध | सूर्य, शुक्र | मंगल, बृहस्पति, शनि | चंद्रमा |
बृहस्पति | सूर्य, चंद्रमा, मंगल | शनि | बुध, शुक्र |
शुक्र | बुध, शनि | मंगल, बृहस्पति | सूर्य, चंद्रमा |
शनि | बुध, शुक्र | बृहस्पति | सूर्य चंद्रमा मंगल |
ग्रह मैत्री गुण मिलान को 5 अंक आवंटित किया है। जब वर और कन्या के राशी स्वामी एक दुसरे के नैसर्गिक मित्र हो तो यह विचारो मे समानता और संतुलन को दर्शाते है। अगर तटस्थ हो तो आपस मे सामंजस्य बनाया जा सकता है। लेकिन यदि शत्रु हो तो आपस मे विवाद या मतभेद का कारण हो सकता है।
अब नीचे दिये गये सारणी के अनुसार 0-5 अंक आवंटित किया जाता है।
वर—> कन्या ^ ।।। | सूर्य | चंद्रमा | मंगल | बुध | बृहस्पति | शुक्र | शनि |
सूर्य | 5 | 5 | 5 | 4 | 5 | 0 | 0 |
चंद्रमा | 5 | 5 | 4 | 1 | 4 | 0.5 | 0.5 |
मंगल | 5 | 4 | 5 | 0.5 | 5 | 3 | 0.5 |
बुध | 4 | 1 | 0.5 | 5 | 0.5 | 5 | 4 |
बृहस्पति | 5 | 4 | 5 | 0.5 | 5 | 0.5 | 3 |
शुक्र | 0 | 0.5 | 3 | 5 | 0.5 | 5 | 5 |
शनि | 0 | 0.5 | 0.5 | 4 | 3 | 5 | 5 |
वे एक-दूसरे के शत्रु ग्रह हो तो विचारो मे असमान्यता और मतभेद को दर्शाते है। वे एक दुसरे के विचारो मे सामंज्यस नही बना पाते है। अतः विवाह वर्जित माना गया है। जब दोनों एक दूसरे तटस्थ ग्रह हो तो विचारों मे औसत समानता को दर्शाते है।
अगले अंक मे हम गण मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगे ।