Hindu astrology

कुंडली के चतुर्थ भाव में शनि का प्रभाव

कुंडली के चतुर्थ भाव में शनि का प्रभाव 1)कुंडली के चतुर्थ भाव में शनि का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम चतुर्थ भाव और शनि के कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) शनि नैसर्गिक रूप से पापी ग्रह है और चतुर्थ भाव में स्थित शनि अशुभ माना जाता है। अतः चतुर्थ भाव में

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भकूट मिलान

भकूट मिलान कुंडली मिलान भाग – 9 पिछले अंक मे हमने गण मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। चंद्रमा जन्मसमय जिस राशी मे हो उसे भकूट कहते है अर्थात जन्म राशी जातक/जातिका के भूकुट को बताते है। भकूट मिलान मे हम वर और वधू के जन्म राशि के आपसी संबंध का मिलान करते है।

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Mars And Saturn Conjunction In Eight House

Mars and Saturn Conjunction in 8th house 1)Before knowing the effect of Mars and Saturn conjunction in 8th house we have to know Mars in 8th house, Saturn in 8th house and Mars and Saturn conjunction. 2) Native may be cruel and rigid minded. Native may be harsh and criticizer in nature. He may be

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गण मिलान

गण गुण मिलान कुण्डली मिलान भाग – 8 पिछले अंक मे हमने ग्रह मेेैत्री मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की।  गण तीन प्रकार के होते है, देव गण, मानव गण, दानव गण। गण मिलान की महता इसके अंक से ही समझी जा सकती है। गण मिलान को कुंडली मिलान  मे 6 अंक आवंटित किया

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तृतीय भाव में शनि का प्रभाव

तृतीय भाव में शनि का प्रभाव 1) कुंडली के तृतीय भाव में शनि का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम तृतीय भाव और शनि के नैसर्गिक कार्यक्रमों के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) ऐसी मान्यता है कि पापी ग्रह तृतीय भाव में उत्तम रिजल्ट देते हैं। शनि एक नैसर्गिक पापी ग्रह है, अतः हम

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ग्रह मैत्री मिलान

       ग्रह मैत्री गुण मिलान कुण्डली मिलान भाग – 7 पिछले अंक मे हमने योनि मिलान की विधी की जानकारी प्राप्त की। ग्रह मेेैत्री गुण मिलान मे हम ग्रहों की प्राकृतिक मित्रता का मिलान करते है। चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। अतः चंद्रमा जब राशि विशेष मे हो तो उस राशि के स्वामी का

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कुंडली के द्वितीय भाव में शनि का प्रभाव

कुंडली के द्वितीय भाव में शनि का प्रभाव 1) कुंडली के द्वितीय भाव में शनि का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम शनि और द्वितीय भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) द्वितीय भाव में स्थित शनि के कारण जातक रुखा वचन बोलने वाला व्यक्ति हो सकता है। शनि भेद नीति का

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